डोमेस्टिक यंग टैलेंट को पहचानने की सख्त जरुरत- दीप दासगुप्ता*



*आईपीएल के काफी सारे मैच हो चुके हैं, और लगभग तीन टीम्स क्वालीफाई कर चुकी हैं। लेकिन यह भी एक अहम् सच है कि डोमेस्टिक इंडियन प्लेयर्स का टैलेंट काबिले-तारीफ है।* 


ऋतुराज, आवेश खान, व्यंकटेश अय्यर बेमिसाल डोमेस्टिक प्लेयर्स हैं। कल के मैच में एसआरएच के लिए उमर मलिक का अंदाज़ बेहद जुदा था। हमारे इन प्लेयर्स का लाजवाब टैलेंट ही आईपीएल को सबसे अलग पहचान देता है। 


आज से ही नहीं, इन प्लेयर्स ने लम्बे समय से क्रिकेट की दुनिया में अपने नाम के परचम लहराए हुए हैं। मध्यप्रदेश के लिए खेलने की यदि हम बात करें, तो व्यंकटेश ने अपना उम्दा प्रदर्शन दिया है। वहीं से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि वे भविष्य में सफलता का आयाम छू सकते हैं। 


देश के सोशल माइक्रोब्लॉगिंग ऐप कू के माध्यम से इंडियन क्रिकेटर दीप दासगुप्ता द्वारा किए गए पोस्ट को काफी सराहा जा रहा है। वे पोस्ट किए गए वीडियो के माध्यम से कहते हैं कि आईपीएल का लेवल, इंटरनेशनल लेवल क्रिकेट तक पहुँचने की कगार पर है, और हमारे इंडियन प्लेयर्स इस मुकाम में खरे उतरे हैं। यह कहने में कोई दो राय नहीं हैं कि वे इंटरनेशनल लेवल पर देश का परचम लहराने में कामयाब होंगे। हमारी टीम के प्लेयर्स का टैलेंट वास्तव में सराहनीय है। 


ऋतुराज गायकवाड़ की बेटिंग का कोई तोड़ नहीं। वे भी अपनी काबिलियत से अगले लेवल पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आईपीएल में इन प्लेयर्स को जब देखते हैं, तो स्पष्ट हो जाता है कि हमारे देश में क्रिकेट के महारथियों की कोई कमी नहीं है। 


व्यंकटेश के पास अद्भुत टैलेंट हैं। वे बॉलिंग भी कर सकते हैं और इस प्रकार अपने आप को ऑल राउंडर की कैटेगरी में बड़े नामों में से एक बनाते हैं। पिछले 5-6 सालों में यह मसला बना हुआ है कि अभी तक के टॉप 5 में कोई भी प्लेयर वह जगह नहीं बना पाया है, जो ऑल राउंडर हो और टी-20 में बेझिझक उतर पाए। यह कमी कहीं न कहीं बेटिंग और बॉलिंग डेप्थ को कमजोर बनाती है। यह बात ओर है कि अब जाकर शार्दुल की एंट्री हुई है, जो दोनों कर पाने में सक्षम हैं। आईपीएल के छः मैचेस में व्यंकटेश ने 201 रन्स लिए हैं, और 134 स्ट्राइक रेट के साथ ही उनका अभी तक का हाईएस्ट स्कोर 67 रहा है।  


हार्दिक ने अभी तक बॉलिंग नहीं की है, लेकिन वे इसके लिए कड़ी तैयार कर रहे हैं। इन सभी उम्दा प्लेयर्स को प्रमोट करने की जरुरत है, जिससे कि उन्हें भी अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका मिल सके। 


वैसे तो स्पिनिंग ऑल राउंडर की कोई कमी नहीं है, कमी है तो सीन बॉलर्स की। इसका कारण हम यह देख सकते हैं कि इसके चलते बॉडी पर बहुत प्रेशर पड़ता है, क्योंकि आपको बॉलिंग, बेटिंग और पॉवर हिटिंग सब कुछ बखूबी संभालना होता है। यही वजह है कि जब भी किसी बच्चे से क्रिकेट से संबंधित सवाल करते हैं, तो वह ऑल राउंडर बनने में उत्सुक रहता है। 19-20 वर्ष की आयु तक तो वही दिलचस्पी लेता है, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे वह किसी एक यानी बेटिंग या बॉलिंग को लेकर ही दृढ रहता है। 


वे आगे कहते हैं, "सिलेक्टर्स के ऊपर यह जिम्मेदारी है कि इस उम्र के बच्चों पर गौर करें, और उन्हें फील्ड के लिए सशक्त बनाएं। सामान्य तौर पर बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट के चलते कई प्लेयर्स विभिन्न स्तर पर खेल रहे हैं, लेकिन एकेडमी क्रिकेटर्स का भी एक नेशनल क्रिकेट एकेडमी के साथ कॉन्ट्रैक्ट होना चाहिए। यहाँ ऐसे प्लेयर्स पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जिनकी कमी है। सीन बॉल ऑल राउंडर्स और स्पिनर्स इनमें प्रखर हैं। इससे कम उम्र के प्लेयर्स को भी ए क्लास टीम के साथ खेलने का मौका मिलेगा और भारत को एक अद्भुत टीम मिल सकेगी, जो निश्चित तौर पर समूची दुनिया में भारत का नाम रोशन करेगी।"

Popular posts
"मैं अपने किरदार से गहराई से जुड़ा हूं क्योंकि उसी की ही तरह मैं भी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देता हूं" ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'तदबीर' में वे एक पूर्व सेना अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं
Image
मिलिए एंडटीवी के 'हप्पू की उलटन पलटन' की नई दबंग दुल्हनिया 'राजेश' उर्फ ​​गीतांजलि मिश्रा से!
Image
दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण को क्वालिटी मार्क अवार्ड्स 2023 से सम्मानित किया गया
Image
न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल और लॉस एंजिल्स फिल्म अवार्ड्स में प्रशंसा बटोरने के बाद, रजित कपूर, मानव विज और साहिल मेहता अभिनीत 'बिरहा-द जर्नी बैक होम' अब 'द ओटावा इंडियन फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स' में चुनी गई है_
Image
The impact of stress on Psoriasis
Image