पूरब का वेनिस कहलाने वाला उदयपुर देश में संगीत के महाकुंभ के छठें संस्करण वेदांता वर्ल्ड म्यूज़िक फेस्टिवल के साथ जीवंत हो उठेगा। हिंदुस्तान जिंक द्वारा प्रायोजित किये जा रहे इस अंतर्राष्ट्रीय संगीत समारोह की संकल्पना और प्रोडक्षन सहर एवं सहयोग राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने किया है। इस तीन दिवसीय फेस्टिवल का आयोजन 16, 17 और 18 दिसंबर को किया जाएगा।
वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल 2022 का अंतर्निहित विषय “राजस्थान के भूले हुए संगीत वाद्ययंत्रों और परंपराओं का संरक्षण और प्रचार” है, जहां उत्सव सारंगी की प्रस्तुती पर केंद्रित होगा, जिससे युवा पीढ़ी इस ओर आकर्षित और इसके सरंक्षण के लिये प्रेरित हो सके। सारंगी यूनेस्को द्वारा संरक्षित संगीत परंपरा है।
कर्टेन रेजर के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि, वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल का यह संस्करण खास है क्योंकि कोविड महामारी के बाद यह भव्य आयोजन होगा। यह देश में लोगों के सौहार्द का उत्सव है और इसके लिए संगीत से बेहतर तरीका नही हो सकता है। हम इस उत्सव के माध्यम से राजस्थान पर्यटन विभाग और सहर के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे जुड़ाव को जारी रखते हुए प्रसन्न हैं। हिंदुस्तान जिंक और वेदांता ने हमेशा कला और संस्कृति को प्रोत्साहित और सहयोग दिया है। इस मंच के माध्यम से हमारा उद्देश्य उदयपुर को भारत की संगीतमय राजधानी बनाना है और यह उसी दिशा में एक और कदम है।
गांधी ग्राउण्ड और फतहसागर की पाल पर होने वाला यह म्यूज़िक फेस्टिवल संगीत की विभिन्न श्रेणियों के 100 से भी अधिक वैश्विक कलाकारों को साथ लाएगा। उत्सव के पहले दिन कार्यक्रम का आगाज़ शाम 6 बजे से गांधी मैदान में कई प्रसिद्ध कलाकारों के साथ सारंगी की प्रस्तुती से होगा। लोक परंपरा को और आगे बढाते हुए, भारत के जसलीन औलख, परवाज जैसे प्रसिद्ध गायक लोक, सूफी और रॉक और विश्व संगीत की शैलियों में प्रस्तुति देंगे। सुरमयी रात के साथ कोलंबिया, चिली, पनामा, पैराग्वे के लैटिन लोक और पॉप संगीत बैंड अबकोराव के संगीत का भी गवाह बनेगा। अंतिम प्रस्तुती दम लगा के हईशा, सुल्तान और संजू के प्रसिद्ध गायक पापोन के गीतों से होगा।
उत्सव के दूसरे दिन जाने-माने वायलिन वादक नंदिनी शंकर, ब्रुनो लोई और जोनाथन डेला मारियाना जैसे कलाकार मेजबानी करेंगे, जो उदयपुर की सर्द सुबह में मधुर स्वरलहररियों के साथ मांजी के घाट पर इटली के लौनेददास वाद्य यंत्र का प्रस्तुत करेंगे। फतेह सागर पाल पर दोपहर भारत की कामाक्षी खन्ना और पुर्तगाल की प्रसिद्ध फादो गायिका कटिया गुएरेरो की संगीतमय धुनें फतेह सागर झील की धुनों पर साथ देगी। शाम को मंच सारंगी की धुन के बाद जिम्बाब्वे से ब्लेसिंग ब्लेड चिमंगा एंड ड्रीम्स और पुर्तगाल से सेन्जा अपने संगीत से संगीत प्रेमियों को लुभाएगें। दूसरे दिन के कार्यक्रम में बेहद लोकप्रिय द रघु दीक्षित आकर्षण का केंद्र होगंे, जिन्होंने गली बॉय, शेफ, कोड्स और स्पेन के एक हाई एनर्जी बैंड, हबला दे मी एन प्रेजेंटे जैसी फिल्मों में अपनी आवाज दी है।
संगीत समारोह के अंतिम दिन ऑस्ट्रेलिया की श्रीजनी घोष सुबह के मंच पर प्रस्तुति देंगी। फतेह सागर पाल में दोपहर मंच पर विभिन्न इंडी-पॉप संगीतकारों जैसे अभिनेता-गायक-गीतकार अनुष्का मास्की, संजीता भट्टाचार्य को इंडी लोक धुनों और आभा हंजूरा अपनी प्रस्तुती देगा। सायं मंच पर नवीन कुमार फीट हरजोत कौर और वेदांग द्वारा हिप हॉप और रैप के साथ उत्सव शुरू होगा, इसके बाद भारत के प्रमुख सोलो पर्क्युसिव ध्वनिक गिटारिस्ट ध्रुव विश्वनाथ और फ्रांस के इलेक्ट्रिक पर्क्यूशन ऑर्केस्ट्रा होंगे। अंतिम दिन का मुख्य आकर्षण पुर्तगाल के अलबलुना और गायक-अभिनेता-निर्माता फरहान अख्तर होंगे, जो तुम हो तो, पिछले सात दिनों में, अतरंगी यारी और कई अन्य प्रसिद्ध धुनों के लिए अपनी खास पहचान रखते हैं।
इस कार्यक्रम के बारे में सहर के संस्थापक निदेशक संजीव भार्गव ने कहा, हम उदयपुर संगीत समारोह के 6वें संस्करण के आयोजन के लिये उत्साहित हैं। हम सभी प्रस्तुती देने वाले कलाकारों की मेजबानी करने और नई प्रतिभाओं को मंच देने के लिए तत्पर हैं। हमें सारंगी जैसे भूले-बिसरे वाद्य यंत्रों के सरंक्षण में योगदान देने पर गर्व है। हमें यकीन है कि फेस्टिवल का यह संस्करण पिछले संस्करणों की तरह ही रोमांचकारी और मनोरंजक होगा।
वेदांता टैलेंट हंट के विजेताओं की घोषणा
प्रेसवार्ता के दौरान वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल और हिन्दुस्तान ज़िंक लि. द्वारा आयोजित टैलेंट हंट के विजेता की भी घोषणा की गई। इसमें वसुधा शेखावत, उदयपुर, विनोद कुमावत, राजसमंद, अंकित चौहान, उदयपुर, नवदीप प्रतापसिंह झाला, अजमेर, फ्रैंक ब्रायन रोज, अजमेर विजेता रहे। टैलेंट हंट का उद्देश्य संगीत में नई प्रतिभाओं को मंच देना और अपनी कला में आगे बढ़ने के लिये प्रोत्सोहित करना था।