एक परिवार से ज्यादा मजबूत बंधन और कोई नहीं होता, और 'रक्षाबंधन' एक ऐसी फिल्म है, जो इस यकीन की सच्ची मिसाल है। जहां हम साल 2022 को अलविदा कहने जा रहे हैं, वहीं ज़ी सिनेमा 'रक्षाबंधन' के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के साथ आपके लिए घर का वो अपनापन लेकर आ रहा है। यह फिल्म रोज के पारिवारिक रिश्तों के ताने-बाने के साथ सभी में जज़्बात जगाती है, और यही खूबी इस ड्रामा में वो एहसास लाती है, जिसमें सबके साथ होने की सच्ची उमंग है। तो इस शनिवार 24 दिसंबर को रात 8 बजे रक्षाबंधन के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर में अब परिवार के अटूट प्यार की कहानी, देखिए पूरे परिवार के साथ।
*- इस फिल्म के बारे में आपको सबसे ज्यादा किस बात ने अपील किया? *
रक्षा बंधन की सादगी ही इसकी सबसे बड़ी खूबी है। मैं आमतौर पर कोई फिल्म देखते वक्त रोता नहीं हूं लेकिन इस फिल्म ने तो सचमुच मुझे रुला दिया। इस फिल्म ने मुझे यह एहसास दिलाया कि हम कितनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और अपने रिश्तों को कितना कम समय दे रहे हैं। लंबे समय से किसी ने भाई-बहनों या परिवार के बीच रिश्तों को लेकर इतनी खूबसूरत कोशिश नहीं की है। इसमें दिखाए गए एहसास खरे हैं। इसका दर्द असली है। इसकी कहानी विश्वसनीय है। इस फिल्म में दहेज प्रथा समेत हर चीज बहुत रियल है। मेरा मानना है कि बहुत-से लोग इस फिल्म से जुड़ेंगे और मुझे इसका हिस्सा बनकर बहुत सम्मानित और रोमांचित महसूस होता है।
*- अपने किरदार लाला केदारनाथ अग्रवाल में आपने अपनी कौन-सी बातें शामिल कीं?*
मैं वाकई इस किरदार से जुड़ पाया। मुझे लगता है कि इसके और मेरे वैल्यूज़ एक जैसे हैं। इसी वजह से मैं प्यार और फिक्र के वो जज़्बात आसानी से बयां कर पाया। लाला की तरह मैं भी फैमिली ओरिएंटेड हूं और मेरा अपनी रियल सिस्टर के साथ बहुत अच्छा रिश्ता है। इसलिए इस फिल्म ने मेरे बचपन और परवरिश के दिनों की बहुत-सी यादें ताजा कर दी। इस फिल्म ने मेरे दिल के तार भी छेड़ दिए, जिसमें मेरा किरदार अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए कड़ी मेहनत करता है। मैं भी एक परिवार की देखभाल की जिम्मेदारी समझ सकता हूं। हमारे बीच फर्क के बावजूद मैं लाला का बहुत कुछ खुद में देखता हूं।
*- आप जिस तरह की फिल्में चुनते हैं, क्या उनमें फैमिली का एक महत्वपूर्ण रोल होता है?*
किसी रोल या फिल्म में तो नहीं, लेकिन कहीं ना कहीं यह मेरे चुनाव को जरूर प्रभावित करता है। मैं एंटरटेनमेंट के अलग-अलग जॉनर्स में काम करना चाहता हूं, लेकिन मैं फैमिली फ्रेंडली फिल्में भी सपोर्ट करता हूं, जिसमें उन फिल्मों का संदेश और आर्थिक स्थिति भी मायने रखती है। मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि मैं जिन फिल्मों का हिस्सा बनूं वो परिवार के लिए देखने लायक हो और वो बेझिझक होकर इसे देख सकें।
*- इस फिल्म के कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा, खास तौर पर यह भूमि और आनंद राय के साथ आपकी दूसरी फिल्म है?*
अपनी दोस्त एवं को-स्टार भूमि के लिए मेरा सम्मान बहुत बढ़ गया है। एक ऐसी फिल्म में किसी रोल को स्वीकार करने के लिए एक कॉन्फिडेंट परफॉर्मर चाहिए, जिसमें चार बहनें हों। उनके साथ एक बार फिर काम करने का मौका मिलना बड़ा मजेदार था।
जहां तक आनंद सर का सवाल है, तो मैं कहना चाहूंगा कि उनका एक अलग ही जादू है। यह उनके आसपास होने का असर है। वो अपने काम को लेकर वाकई बहुत सिंसियर और उत्साहित रहते हैं और मैं इससे जुड़ सकता हूं। इसलिए वो आपसे ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहेंगे, जो फिल्म के किरदार के हिसाब से सही ना हो। हमारे बीच सबसे अच्छी बात यह है कि हम में बहुत-सी चीजें एक जैसी हैं जैसे सीधी-सादी जीवनशैली, खानपान के प्रति प्यार, और हमारे बीच का एक खुशनुमा एहसास!
*देखिए 'रक्षाबंधन' की यह दिलचस्प कहानी, 24 दिसंबर को रात 8 बजे, सिर्फ ज़ी सिनेमा पर।*