डिजिटल किंडरयूनिवर्सिटी के जरिये लर्निंग को आकर्षक बना रहा है गोएथे-इंस्टिट्यूट



जर्मनी के सांस्कृतिक इंस्टिट्यूट गोएथे-इंस्टिट्यूट ने डिजिटल किंडरयूनिवर्सिटी को हिंदी में पेश कर शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है

यह कार्यक्रम नए जमाने की टेक्नोलॉजी की नींव पर आधारित है जो बच्चों की जिज्ञासा को पूरा करती है और युवाओं को उनके मार्गदर्शकों के नेतृत्व में आगे बढ़ने में सक्षम बनाती है


फरवरी, 2021: अंग्रेजी और जर्मन भाषाओं में किंडरयूनिवर्सिटी की सफल शुरुआत के बाद गोएथे-इंस्टिट्यूट ने अब हिंदी में भी डिजिटल किंडरयूनिवर्सिटी की पेशकश की है। इस नई परियोजना से 8-12 साल के छात्रों में विज्ञान-आधारित सवालों के बारे में उनकी जिज्ञासाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे छात्रों को आकर्षक शैक्षिक कंटेंट से अवगत होने और प्रक्रिया के दौरान जर्मन भाषा सीखने में मदद मिलेगी। 

फ्री ऑनलाइन प्लेटफार्म 'डिजिटल किंडरयूनिवर्सिटी' लोगों के लिए शिक्षा तक पहुंच ज्यादा सुलभ बनाने और बच्चों में शुरुआती उम्र से ही विकास सुनिश्चित करने में अहम योगदान देगा। किंडरयूनिवर्सिटी की पेशकश हिंदी, अंग्रेजी और जर्मन में उपलब्ध है। 

हालांकि किंडरयूनिवर्सिटी में नामांकन के लिए जर्मन की पहले से जानकारी होना जरूरी नहीं है, लेकिन छात्र स्वतंत्र तौर पर और साइंस पर ध्यान देकर इस भाषा साथ अवगत हो सकते हैं।


किंडरयूनिवर्सिटी में बच्चे लेक्चर में शामिल होते हैं और विज्ञान, गणित, तकनीक और कला विषयों पर आधारित अभ्यास पूरे करते हैं। वे 'ह्यूमेंस', 'नेचर' और ‘टेक्नोलॉजी’ से सीखते हैं और कोर्स के दौरान गेमिफिकेशन की बारीकियों से अवगत होते हैं। छात्र बैज प्राप्त कर सकेंगे जिनसे उन्हें सभी स्तरों - बेचलर, मास्टर डायरेक्टर से प्रोफेसर को समझने में मदद मिलेगी। छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रमाणपत्र किसी भी समय कहीं से भी डाउनलोड किए जा सकेंगे।

लेंग्वेज प्रोग्रम्स साउथ एशिया के डायरेक्टर एवं डिप्टी एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर थॉमस गोडेल ने इस लॉन्च पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "डिजिटल किंडरयूनिवर्सिटी गोएथे-इंस्टिट्यूट की एक विशेष वैश्विक लेंग्वेज परियोजना है जो बच्चों में शिक्षा सीखने की उत्सुकता को पूरा करती है और उन्हें एक नए एवं आनंददायक तरीके से जर्मन सीखने में मदद करती है। इसे भारत की प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में पेश कर, हमारा मकसद परियोजना की पहुंच बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि बड़ी तादाद में बच्चों को इसका लाभ मिल सके।"


डायरेक्टर बर्थोल्ड फ्रांके ने इस पहल की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, "कोविड-19 महामारी ने हमें यह दिखा दिया है कि डिजिटल स्पेस कुछ भी हो सकता है - क्लासरूम से लेकर प्लेग्राउंड्स तक। हमारी परियोजना किंडरयूनिवर्सिटी के बच्चों के लिए खासकर उस उम्र में लर्निंग को आनंददायक, सुलभ, सुविधाजनक और संपूर्ण बनाने की दिशा में शुरू की गई एक प्रमुख पहल है, जब बच्चों के स्कूल जाने का मतलब किसी डिवाइस का इस्तेमाल करने से होता है। विज्ञान और कला विषयों पर फोकस के साथ हम अपने इर्द-गिर्द सब चीजों को गंभीरता से सीखते हैं और हमें विश्वास है कि हमारा प्लेटफार्म  ऐसे कई सवालों के जवाब मुहैया कराएगा जो छोटे बच्चों को आश्चर्यचकित कर सकते हैं।"

बाल-अनुकूल लर्निंग पर ध्यान केंद्रित कर, विदेशी भाषा और मीडिया साक्षरता से अवगत कराकर यह पहल बच्चे के समग्र विकास पर जोर देती है। 


किंडरयूनि वेबसाइटः https://kinderuni.goethe.de/?lang=hi

Popular posts
"मैं अपने किरदार से गहराई से जुड़ा हूं क्योंकि उसी की ही तरह मैं भी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देता हूं" ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'तदबीर' में वे एक पूर्व सेना अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं
Image
मिलिए एंडटीवी के 'हप्पू की उलटन पलटन' की नई दबंग दुल्हनिया 'राजेश' उर्फ ​​गीतांजलि मिश्रा से!
Image
कल की सेहत के लिए स्वस्थ होने के लिए उपयुक्त हैं
Image
एण्डटीवी की नई प्रस्तुति ‘अटल‘ अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की अनकही कहानियों का होगा विवरण्
Image
उद्यमिता के लिए सशक्तिकरण: कैसे तिरोदा की महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था चला रही हैं
Image