प्रोफेशन से बढ़कर हो आपका पैशन कहीं प्रोफेशन की आड़ में छुपकर न रह जाए आपका पैशन भले ही करियर में तब्दील न करें,



जिंदगी जीने का जुनून और हौसला रखने वाला व्यक्ति वास्तव में व्यक्तित्व का धनी होता है। इस जुनून के आगे जो चीजें कभी आड़े नहीं आना चाहिए, वो हैं उम्र और प्रोफेशन। अक्सर यह देखने में आता है कि कोई व्यक्ति विशेष स्वयं को लेकर रंगबिरंगे सपनों का ताना-बाना तो बुनता है, लेकिन जिंदगी के कई वर्षों के तजुर्बे के बाद वह अपने सपनों को पीछे छोड़ उम्र के एक दूसरे पड़ाव की ओर बढ़ता चला जाता है, और वो सपने किसी तैखाने में कैद होकर रह जाते हैं। यही कारण है कि वह अपना पैशन नहीं जी पाता और एक समय के बाद जिंदगी जीने की जगह काटने लगता है और सफल होने के बाद भी अपने जीवन में अधूरापन महसूस करता है। आजाद जैन एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी हैं, जिनसे आप प्रेरित होकर जीवन के इस अधूरेपन को पूरा कर सकते हैं। 


डॉ. (इंजीनियर) आजाद जैन बी.ई. (सिविल), एम.ई. (स्ट्रक्चर), पीएचडी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद लगभग 30 वर्षों तक सिविल इंजीनियरिंग डिजाइन कंसल्टेंट रहे। आजाद ने पैन इंडिया के साथ-साथ कई ओवरसीज प्रोजेक्ट्स भी किए हैं। इसके साथ ही वे सरकारी (राज्य तथा केंद्रीय स्तर) तथा निजी क्षेत्रों के साथ कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में भी काम कर चुके हैं। टाउनशिप्स के साथ ही कई मेगा प्रोजेक्ट्स जैसे हाईवे, हॉस्पिटल्स, मेडिकल कॉलेजेस आदि के कंस्ट्रक्शन का अनुभव रखने वाले आजाद कई नेशनल प्रोफेशनल बॉडीज के प्रमुख रह चुके हैं। आजाद की इस निरंतर सफलता में उनकी धर्मपत्नी आर्किटेक्ट आशा जैन का बहुत बड़ा हाथ है। अपनी पत्नी के सहयोग से आजाद अपने बचपन के पैशन (एक्टिंग/डायरेक्शन/प्रोडक्शन) को प्रोफेशन में तब्दील करने में सक्षम रहे।


अपने पैशन को प्रोफेशन बनाने वाले आजाद कहते हैं, "इन 30 वर्षों की यात्रा में मुझे हर पल सिनेमा, फिल्म मेकिंग और एक्टिंग की कमी खलती रही। शायद ही कोई बॉलीवुड या हॉलीवुड मूवी होगी, जो मैंने न देखी हो। फिल्म को कैसे प्रोड्यूस करना है, एक्टिंग इंडस्ट्री में कैसे उतरना है, मैं यही सब सोचता रहता था और इसी के चलते इस क्षेत्र में आने का अपना इरादा पक्का किया। इसी का सबब है कि आज इस नए रूप में मैं आपके सामने हूँ।"


जैसा कि हम सभी जानते हैं, विश्व विख्यात अभिनेता अनुपम खेर के स्कूल ऑफ एक्टिंग यानि 'एक्टर प्रिपेयर्स' में दाखिला लेने के बाद मंजे हुए कलाकार ही बाहर निकलते हैं, यहाँ से आजाद ने वर्ष 2018 में डिप्लोमा कोर्स किया और इसके बाद शुरू हुआ एक उम्दा सफर। आजाद पिछले 2 वर्षों में कई फिल्म्स के निर्माता रह चुके हैं। वे कई शॉर्ट फिल्म्स के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहे हैं, जिन्हें डिज्नी+हॉटस्टार, शेमारू, एमएक्स प्लेयर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज किया गया है। 'उपमा', 'पार्डन', 'लाइफ 2.0', 'द पिचमेन', 'ए लिल इम्पर्फेक्ट', 'एल्बर्ट पिंटो अब भी गुस्सा करोगे?', 'टेढ़े', 'छोटू', 'मिसिंग दादा' और 'यू चेंज्ड मी' जैसी शानदार शॉर्ट फिल्म्स के लिए कई फिल्म फेस्टिवल्स के अंतर्गत उन्होंने नामचीन पुरस्कारों की बड़ी संख्या अपने नाम की है। आजाद जल्द ही एक फीचर फिल्म और वेब सीरीज में एक्टर के रूप में भी दिखाई देंगे।


डॉ. (इंजीनियर) आजाद जैन उन लोगों के लिए जीती जागती मिसाल हैं, जिनका पैशन जिम्मेदारियों या प्रोफेशन के चलते किसी तैखाने में कैद होकर रह जाता है। वे कितने ही सफल ही क्यों न हो जाएं, लेकिन कोई न कोई कसक उनके मन में रह ही जाती है। इसलिए अपने प्रोफेशन से परे पैशन को जीने का जस्बा जरूर अपने अंदर रखें। भले ही आप उसे अपने करियर का हिस्सा बनाएं या न बनाएं, लेकिन अपनी दिनचर्या का थोड़ा समय अपने पैशन के लिए जरूर निकालें।

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