आंत्रप्रेन्योरशिप संबंधित ज्ञान और कौशल के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण समय की मांग है - अतुल मलिकराम



 


आंत्रप्रेन्योरशिप के सफल आगाज़ ने भारत की अर्थव्यवस्था के परिदृश्य को काफी हद तक बदल दिया है। आंत्रप्रेन्योर्स समाज में नवाचार लाने और वृद्धिशील सुधारों के साथ विश्व का नेतृत्व करते हैं। युवा प्रधान भारत में संबंधित आयु वर्ग की आबादी सबसे अधिक है। लेकिन इससे परे, एक सफल आंत्रप्रेन्योर की यात्रा सही मायने में बचपन से ही शुरू हो जाती है, जहाँ व्यक्ति विशेष के मन-मस्तिष्क में कुछ नया करने के विचार पनपने लगते हैं। इसलिए, बचपन से ही छात्रों में आंत्रप्रेन्योरशिप संबंधित लक्ष्यों के बीज अंकुरित करने का यह सबसे उपयुक्त समय है। राष्ट्रीय नीति नियोजक स्कूली शिक्षा को एक बच्चे के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं, क्योंकि यही वह चरण है, जो उसमें कौशल विकास और दक्षताओं का सृजन करता है। यह उसे अपना करियर चुनने और व्यवसाय की दुनिया में स्वतंत्र रूप से कदम रखने में सक्षम बनाता है। इस प्रकार भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत आंत्रप्रेन्योर कौशल की नींव गढ़ना सर्वोपरि है।


 


आज के समय में, स्टार्टअप्स समाज के विकास में प्रखरता से उभरकर सामने आए हैं। तो क्यों न छात्रों को बचपन से ही आंत्रप्रेन्योरशिप की दुनिया से परिचित कराया जाए? प्राथमिक स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले बच्चों को सामान्य और विधिपूर्वक दोनों तरह के कौशल प्रदान करने की आवश्यकता है, जो उन्हें एक गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने में मदद करेंगे। माध्यमिक कक्षाओं में आंत्रप्रेन्योर कौशल के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण से उन्हें संबंधित कौशल विकसित करने और नवीन विचारों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।


 


शिक्षा रुपी संपत्ति, आपकी देनदारियों को चुकाने के लिए बेहद उपयोगी है। लेकिन, एक तथ्य यह भी है कि वर्ष 2030 के सतत विकास के लिए आंत्रप्रेन्योर संबंधित लक्ष्यों पर पार पाने के लिए, नवाचार सबसे प्रभावी साधन है। हालाँकि, पहली पीढ़ी के आंत्रप्रेन्योर्स स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के बड़े निवेशक बन चुके हैं, लेकिन बिज़नेस की नींव रखने वाले युवाओं पर विफलता का खतरा बना रहता है, क्योंकि कई युवा आंत्रप्रेन्योर्स को इस क्षेत्र में बहुत कम या कोई अनुभव नहीं होने वाली स्थिति होती है।


 


स्वरोजगार और नौकरी प्राप्ति का अंतिम लक्ष्य, निश्चित रूप से व्यावसायिक प्रशिक्षण द्वारा तेज रफ्तार से हासिल होगा। उक्त क्षेत्र में संतुलित दृष्टिकोण अपनाने में मदद करने के लिए विद्यार्थियों में आंत्रप्रेन्योर संबंधित ज्ञान और कौशल की नींव, सार्थक भारत के भविष्य का आगाज़ करने में अभूतपूर्व योगदान देगी। सरकार द्वारा विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग और आईटी क्षेत्र में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए चलाई गईं विभिन्न योजनाएँ और पहल सराहनीय हैं। लेकिन इस ओर, शिक्षा विभाग को भी प्रखरता से ध्यान देने आवश्यकता है।

Popular posts
मिलिए एंडटीवी के 'हप्पू की उलटन पलटन' की नई दबंग दुल्हनिया 'राजेश' उर्फ ​​गीतांजलि मिश्रा से!
Image
एण्डटीवी की नई प्रस्तुति ‘अटल‘ अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की अनकही कहानियों का होगा विवरण्
Image
"मैं अपने किरदार से गहराई से जुड़ा हूं क्योंकि उसी की ही तरह मैं भी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देता हूं" ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'तदबीर' में वे एक पूर्व सेना अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं
Image
हर जुबां पर बुंदेली ज़ायके का स्वाद चढ़ाने आ रहा बुंदेली शेफ सीजन-2 18 से 45 वर्ष तक की बुंदेली महिलाएं ले सकती हैं हिस्सा प्रतियोगिता में देश के किसी भी कोने से ले सकते हैं भाग बुंदेली शेफ विजेता को मिलेंगे 50 हजार रुपये तक के आकर्षक उपहार
Image
Unlocking the Power of Homeopathy: Naturally Treat PCOS-Induced Hair Loss Without Side Effects
Image