कोका-कोला आईएनएसडब्लूए ने पृथ्वी के हित में निवेश करने का अपना वचन दोहराया, वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन की महत्वाकांक्षा की घोषणा की विश्व पर्यावरण दिवस को यादगार बनाते हुए, रीसाइकल्ड पीईटी बोतलों के लिए लॉन्च किया रिवर्स वेंडिंग मशीन सर्कुलरिटी प्रोग्राम


नई दिल्ली,  विश्व पर्यावरण दिवस को यादगार बनाते हुए, कोका-कोला कंपनी ने पृथ्वी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को नए सिरे से दोहराया है और इसने वर्ष 2050 तक अपनी सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला में शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने की महत्वाकांक्षा की घोषणा की है। वर्तमान में विनिर्माण में प्रयोग की जा रही 44% ऊर्जा नवीकरणीय और हरित/स्वच्छ ईंधनों से आती है जिससे कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 170 हज़ार टन की कमी आई है। 

कोका-कोला कंपनी कचरा-मुक्त विश्व (वर्ल्ड विदाउट वेस्ट) के निर्माण के एक साहसिक, महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ उद्योग का नेतृत्व कर रही है। इसकी अभिलाषा प्लास्टिक के लिए एक चक्रीय अर्थव्यवस्था बनाने की है। यह इस दिशा में प्लास्टिक पुनर्चक्रण मूल्य श्रृंखला में सभी प्रतिभागियों को अपने रणनैतिक ढाँचे - संकल्पना, संग्रह और सहयोग सहित -  के माध्यम से जोड़ने का काम करती है। इस वैश्विक पहल के तहत उनकी महत्वाकांक्षा वर्ष 2030 तक बेची गई प्रत्येक बोतल या कैन को एकत्रित और पुनर्चक्रित करने की है। भारत में उपभोक्ताओं द्वारा प्रयोग के बाद एकत्र की गई पैकेजिंग की कुल मात्रा वर्ष 2020 में 62,825 मीट्रिक टन थी। हमने जिन 36% बोतलों और कैन को रिफिल किया या रिकवर करने में मदद की, वह भारत के बाज़ार में हमने जो पेश किया था, उसी के बराबर था।

इस पहल के अनुरूप कंपनी ने आगरा, उत्तर प्रदेश में रिवर्स वेंडिंग मशीन (आरवीएम) सर्कुलैरिटी प्रोग्राम आरम्भ किया है। यहाँ ग्राहक पीईटी बोतल लाकर जमा कर सकेंगे जिन्हें इस मशीन में रीसाइकल किया जाएगा। कोका-कोला के उत्पादों की  पैकेजिंग 100% पुनर्चक्रण के योग्य हैं और यह पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग के लिए नागरिक आन्दोलन खड़ा करने, उपभोक्ताओं को जागरूक एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में एक कदम है।

कंपनी के भारत और दक्षिण-पश्चिम एशिया के निदेशक - संवहनीयता और सीएसआर, राजेश अयापिला ने कहा कि, “हमारी पर्यावरणीय, सामाजिक और संचालन संबंधी प्राथमिकतायें हमारे व्यवसाय और परिचालन पद्धति का अभिन्न हिस्सा हैं। नई-नई तकनीकों को अपनाने और प्रक्रियाओं को इष्टतम करने से हमें मूल्यांकन करने और अपने समस्त परिचालनों, निर्माण प्रणालियों एवं मूल्य श्रृंखला में  बदलाव करने की क्षमता मिलती है। हम उन क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं जहाँ हम अपने समुदायों पर मापनीय, सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। संगठनों और व्यक्तियों के लिए एक बेहतर साझा भविष्य के निर्माण के लिए सहयोग और निवेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।  हम न केवल प्लास्टिक के लिए बल्कि कचरे और जल के लिए भी चक्रीयता का निर्माण और विकास के लिए एक भविष्यवादी दृष्टिकोण पर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर व्यापक कार्य कर रहे हैं।”

कंपनी सही विधि से व्यवसाय करते हुए लोगों के जीवन, समुदायों और अपनी पृथ्वी में अंतर पैदा करने की दिशा में प्रयासरत है। इसका संवहनीयता प्रबंधन कंपनी, इसकी प्रणाली और हितधारकों के लिए उच्चतम प्राथमिकता वाले ईएसजी मुद्दों को चिन्हित करने और उन पर ध्यान केन्द्रित करने की बुनियाद पर खड़ा है।


वर्ष 2007 में कोका-कोला ने प्रयोग किये जा रहे पानी का 100% हिस्सा पुनः भरने के प्रति अपनी बहुसूत्रीय जल रणनीति के माध्यम से एक अग्रणी प्रतिबद्धता की है।

o जल प्रयोग अनुपात (डब्लूयुआर) - वर्ष 2020 में एक लीटर बेवरीज के उत्पादन के लिए प्रयुक्त जल की औसत मात्रा 1.61 लीटर थी, जो 2010 के बाद से 37.1% की कमी दर्शाती है।

o हमारे परिचालनों में प्रयुक्त जल का 200% अधिक का बॉटलिंग परिचालन और कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन (आनंदना) द्वारा आरम्भ किये गए जल संरक्षण पहलों के माध्यम से पुनः आपूर्ति की गई।

o 500 से अधिक परियोजनाओं के द्वारा 29 बिलियन लीटर जल की पुनरापूर्ति ।

o जल पुनरापूर्ति और आनंदना की अन्य पहलों के माध्यम से 1 मिलियन से अधिक लाभार्थी।


फ्रूट सर्कुलर इकॉनमी (एफसीई), संवहनीय कृषि पहल के हिस्‍से के तौर पर, प्रोजेक्ट उन्नति के अंतर्गत भारत में इस कंपनी का लक्ष्य खेती के नए तरीकों और इस प्रकार भारतीय कृषि-परितंत्र में क्रान्ति लाना है। कंपनी इस लक्ष्य की दिशा में खेत से टेबल तक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव लाकर किसानों और स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए विकास के अवसर प्रदान करते हुए फलों की सीमित और असंगत उपलब्धता की समस्या का हल निकाल रही है और किसानों की आर्थिक तरक्की में योगदान कर रही है। 

कंपनी ने 2011 में अपना अग्रणी प्रोजेक्ट - उन्नति आरम्भ किया था। यह प्रोजेक्ट पाँच फलों - आम, सेब, नारंगी, अंगूर और लीची पर और मुख्य कृषिक वस्तु जैसे कि गन्ना पर केन्द्रित है। इस प्रोजेक्ट उन्नति के अंतर्गत वर्ष 2011 से 11 राज्यों में 10,00,000 एकड़  और 2000 से अधिक डेमो फार्म्स में काम चल रहा है और अभी तक इससे 350,000 से अधिक किसानों को लाभ पहुँचा है। इस गतिविधि के माध्यम से कंपनी का लक्ष्य प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के द्वारा संचयी रूप से 500,000 से अधिक  किसानों को लाभ पहुँचाना है। कृषि में इन उत्तम कृषि पद्धतियों यानी गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज (जीएपी) को अपनाने वाले किसानों की उत्पादकता में 5 गुणा तक बढ़ोतरी हासिल की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, इससे 600 बिलियन लीटर पानी की बर्बादी रोकने में मदद मिली है।


कोका-कोला इंडिया के विषय में 

कोका-कोला इंडिया देश के प्रमुख बेवरीज कंपनियों में से एक है। यह उपभोक्ताओं को विविध प्रकार के स्वास्थ्यकर, सुरक्षित, उच्च गुणवत्तापूर्ण, ताजगी देने वाले पेय पदार्थ मुहैया करती है। वर्ष 1993 में भारत में दोबारा प्रवेश करने के बाद से यह कंपनी अपने पेय उत्पादों - कोका-कोला, कोका-कोला नो शुगर, डाइट कोक, थम्स अप चार्ज्ड, थम्स अप चार्ज्ड नो शुगर, फैंटा, लिम्का, स्प्राइट, स्प्राइट जीरो, माजा, वीओ फ्लेवर्ड मिल्क, जूस की मिनट मेड रेंज, मिनट मेड स्मूदी और मिनट मेड विटिंगो, हॉट और कोल्ड टी की जॉर्जिया रेंज और विविध प्रकार की कॉफ़ी, एक्वेरियस और एक्वेरियस ग्लुकोचार्ज, श्वेप्पीज, स्मार्टवाटर, किनले और बोनाकुआ पैकेज्ड पेय जल तथा किनले क्लब सोडा से उपभोक्ताओं को ताजगी प्रदान कर रही है। यह कंपनी अपने स्वामित्व वाले बॉटलिंग परिचालन और अन्य बॉटलिंग सहयोगियों के साथ 2.6 मिलियन से अधिक खुदरा दुकानों के मजबूत नेटवर्क के माध्यम से प्रति सेकंड 500 सर्विंग्स से अधिक की दर पर करोड़ों उपभोक्ताओं के जीवन में आनंद भरता है। इसके ब्रांड्स देश में कुछ सबसे अधिक पसंदीदा और सबसे अधिक बिकने वाले पेय पदार्थों में गिने जाते हैं, जिनमें थम्स अप और स्प्राइट दो सबसे अधिक बिकने वाले शानदार पेय हैं।


कोका-कोला इंडिया के सिस्टम में 25,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 150,000 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है। भारत में कोका-कोला सिस्टम अपने छोटे प्रयास से वर्ल्ड विदाउट वेस्ट (कचरामुक्त विश्व), फ्रूट सर्कुलर इकॉनमी (फल चक्रीय अर्थव्यवस्था), जल प्रबंधन, महिला सशक्तीकरण और अनेक दूसरे माध्यमों से चिरस्थायी समुदायों के निर्माण में योगदान कर रहा है।

कंपनी के भारत परिचालन और इसके उत्पादों से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट www.coca-colaindia.com और www.hccb.in देखें।

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