वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भांडारकर संस्था के ‘भारत विद्या’ वेबसाइट को किया लॉन्च - भारतीय शिक्षा पर आधारित ‘भारत विद्या’ वेबसाइट के साथ भांडारकर संस्था ने शुरू की नई पहल - भारतीय शिक्षा पर आधारित ‘भारत विद्या’ वेबसाइट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया लॉन्च




22 सितंबर 2022 : पुणे स्थित भांडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना 6 जुलाई 1917 को हुई थी। संस्था ने पिछले एक सौ पांच वर्षों से भारतीय सभ्यता की विशाल और समृद्ध विरासत का अध्ययन किया है और महाभारत के महत्वपूर्ण संस्करण, धर्मशास्त्र के इतिहास और वैदिक ग्रंथ सूची जैसे महान कार्यों को प्रकाशित किया है। इसी अध्ययन को डिजिटल स्वरूप में लाने के लिए संस्था ने भारतीय शिक्षा पर आधारित भारत विद्या वेबसाईट का निर्माण किया है। भारत की  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 21 सितंबर को पुणे में हुए समारोह में भारत विद्या वेबसाइट को लॉन्च किया। 


भारत को आत्मनिर्भरता की ओर प्रयास करते वक्त आत्म-जागरूकता भी जरुरी है। भारत के  गौरवशाली इतिहास को समझने की आवश्यकता है। भारत विद्या वेबसाइट महाभारत, वेद, भारतीय दर्शनशास्त्र, संस्कृत, कालिदास और भास के नाट्य जैसे विभिन्न विषयों का अध्ययन करने के लिए कई पाठ्यक्रम प्रदान करती है । आप भारत विद्या वेबसाइट www.bharatvidya.in पर दुनिया में से कहीं से भी जुड़ सकते हैं। आने वाले समय में, भारत विद्या वेबसाइट भारत की समृद्ध सभ्यतागत विरासत जो धर्म, साहित्य और दर्शन, विज्ञान और चिकित्सा, कला और वास्तुकला, इतिहास और भौतिक संस्कृति आधारित विषयों को सीखने के संसाधनों की मेजबानी करेगा। पिछले दो साल से संस्था के १५ से अधिक ऑनलाइन अध्यापन पाठ्यक्रमों में  देश-विदेश के 10,000 से अधिक लोगों ने सहभाग लिया है । 


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत विद्या वेबसाइट लॉन्च करते हुए कहा,  “21वीं सदी में छात्र वृत्ति केवल किताबों तक ही सीमित नहीं रह सकती है। इसे आज मौजूद विभिन्न डिजिटल माध्यमों में अनुवाद करना और उन तक पहुंचना है। स्वतंत्रता दिवस के भाषण में मा. प्रधान मंत्री द्वारा अगले 25 वर्षों के लिए 5 लक्ष्यों की घोषणा की और भारत की सभ्यतागत विरासत को याद करने, याद रखने और संजोने पर जोर दिया। भारत विद्या जैसे वेबसाईट को न केवल स्कूल और कॉलेज के छात्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बल्कि उन वयस्क शिक्षार्थियों के लिए भी संसाधन तैयार करना चाहिए जो भारत के इतिहास और विरासत के बारे में जानना चाहते हैं। भारत विद्या को ऐसे वयस्क शिक्षार्थियों की रुचि पैदा करनी चाहिए, जो पहले से ही अपने करियर और व्यवसायों में बस गए हैं।”


संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष श्री भूपाल पटवर्धन ने बताया,  “भांडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट भारत के नागरिकों द्वारा स्थापित किया जाने वाली पहली संस्था है।  संस्था ने अपनी स्थापना के समय से ही भारतीय शोधार्थियों द्वारा भारत के इतिहास का अध्ययन कर उसे प्रस्तुत करने का कार्य किया है। भारत विद्या के माध्यम से हम भारत के प्राचीन  ज्ञान को डिजिटल रूप में सभी तक पहुंचा रहे हैं।”

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