इन्दिरा आईवीएफ के 106 वें सेंटर का सागर में उद्घाटन निःसंतानता के उपचार की अत्याधुनिक तकनीकों के साथ मध्यप्रदेश में 8वाँ सेंटर शुरू



सागर । भारत की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ ने ग्राउण्ड फ्लोर, श्री बालाजी टावर, बड़ी माता मंदिर के पास मोतीनगर, सागर में नये केन्द्र का शुभारंभ करके निःसंतानता से प्रभावित दम्पतियों के लिए संतान सुख की उम्मीद जगा दी है। उच्च सफलता दर और रोगी की समस्या के अनुरूप उपचार करने वाले इन्दिरा आईवीएफ का मध्यप्रदेश में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम, उज्जैन और रीवा के बाद सागर में 8 वाँ और देश में 106 वां केंद्र है। राज्य के इन सभी सेंटर्स ने वर्ष 2020-2021 में कुल 1109 आईवीएफ साइकिल्स के माध्यम से दम्पतियों को माता-पिता बनने का सपना साकार करने में मदद की है। सेंटर के उद्घाटन समारोह में सागर हेल्थ सर्विसेज के जोइन्ट डायरेक्टर वी.के. खरे, इन्दिरा आईवीएफ भोपाल सेंटर हेड डॉ. अमर कारिया और सेंटर की आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. रानी श्रीवास्तव के साथ कई शहरवासी और स्टाफ उपस्थित रहा।

इंदिरा आईवीएफ ने पिछले एक दशक में 95000 दम्पतियों को अपने उपचार से लाभान्वित किया है। अत्याधुनिक तकनीकों, चिकित्सा और आईवीएफ विशेषज्ञों की कुशलता से इन्दिरा आईवीएफ ने आईवीएफ प्रक्रियाओं के लिए असाधारण सफलता दर हासिल की है। ग्रुप ने नवीनतम सहायक प्रजनन तकनीकों जिसमंत इलेक्ट्रॉनिक विटनेसिंग सिस्टम, क्लोज्ड वर्किंग चैम्बर, माइक्रोफ्लुइडिक्स के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में निवेश किया है जो मध्य प्रदेश और देशभर में निःसंतान दम्पतियों को सर्वोत्तम उपचार विकल्पों की उपलब्धता का आश्वासन देता है।

इस अवसर पर बधाई देते हुए इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के सीईओ और सह-संस्थापक डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा, 'आंकड़ों के अनुसार, भारत में 10-15 प्रतिशत दम्पती फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना करते हैं। इन्दिरा आईवीएफ की शुरूआत से ही हम दम्पतियों की निःसंतानता के इलाज में लगातार सहायता कर रहे हैं। दम्पती के मानसिक स्वास्थ्य पर संतानहीनता के प्रभाव को हम समझते हैं, इसलिए उन पर आर्थिक या मानसिक रूप से बोझ डाले बिना एक ही छत के नीचे उचित इलाज प्रदान करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।"

साथ ही उन्होंने कहा कि नवीनतम नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे में पाया गया है कि भारत में टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) पहली बार प्रति महिला 2 बच्चों के रिप्लेसमेंट स्तर से नीचे गई है। मध्य प्रदेश में 2015-16 में 2.3 की तुलना में 2020-21 में टीएफआर घटकर 2.0 रह गया है। इनमें से कुछ प्रवृत्तियों का जैसे हाइपरटेंशन, हाई ब्लड ग्लूकोज़ लेवल वाले लोगों की बढ़ती संख्या और राज्य में तंबाकू की खपत से पता लगाया जा सकता है, राज्य के बाकी हिस्सों की तुलना में सागर इनकी संख्या अधिक है यह प्रजनन क्षमता में बाधा बन सकता है। हम सागर में अपना सेंटर शुरू करके और मध्य प्रदेश के संतान प्राप्ति की इच्छा प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दम्पतियों के सहयोग देने में समर्थ होने पर खुशी महसूस करते हैं।"

"भारत में फर्टिलिटी उपचार से संबंधित जागरूकता काफी सीमित है इस कारण गर्भधारण में विफल होने पर आमतौर पर महिलाओं को इसका जिम्मेदार ठहराया जाता है। 6 में से 1 दम्पती को संतान प्राप्ति में समस्याओं का सामना करना पड़ता है यह समझना महत्वपूर्ण है कि निःसंतानता के लिए महिला-पुरुष दोनों में से कोई भी या दोनों भी जिम्मेदार हो सकते हैं। असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी पुरुषों और महिलाओं दोनों को उनके माता-पिता बनने की यात्रा में सहयोग करने के लिए उचित उपचार सुविधा प्रदान करती है। इन्दिरा आईवीएफ में उपयोग में ली जाने वाली नवीनतम

प्रौद्योगिकी ने कई दम्पतियों को आईवीएफ उपचार के पहले चक्र में ही गर्भधारण करने में सहायता की है।


आईवीएफ प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए, इन्दिरा आईवीएफ सागर सेंटर की आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. रानी श्रीवास्तव ने कहा कि, "जब कोई दम्पती पहली बार हमारे पास आता है, तो उन्हें उपचार शुरू करने से पहले विभिन्न विकल्पों और परिणामों के बारे में सलाह दी जाती है। इसके बाद निःसंतानता का कारण जानने और उपचार प्रक्रिया के निर्धारण के लिए कपल के टेस्ट किये जाते हैं । असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नीक न केवल उन दम्पतियों के लिए जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं बल्कि ऐसे महिला-पुरुष की भी मदद कर सकती है जो कुछ वर्षों बाद संतान चाहते हैं, ऐसे व्यक्ति इन्दिरा आईवीएफ के सेंटर्स में कम उम्र में अपने अंडे या शुक्राणु को फ्रीज करवा सकते हैं।"

अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ इन्दिरा आईवीएफ अनगिनत दम्पतियों को निःसंतानता की जटिल यात्रा को नेविगेट करने और परिवार पूरा करने में मदद कर रहा है। यहां अंडाणु और शुक्राणु की फ्रिजिंग के लिए परामर्श और सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जो कई युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं, जो फैमिली प्लानिंग को शुरुआती फोर्टिज तक डिले करना चाहते हैं।

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