शांत मिजाज और पक्के इरादों वाले हैं राजवीर सिंह : सलमान खान*


 

ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘अंतिम - द फाइनल ट्रुथ’ का प्रीमियर 17 अप्रैल को 8 बजे एंड पिक्चर्स पर होने जा रहा है। इस फिल्म में दर्शकों को एक जबर्दस्त संघर्ष देखने को मिलेगा, जहां मेगास्टार सलमान खान एक बहादुर पुलिस इंस्पेक्टर राजवीर सिंह के रोल में शहर के नए गैंगस्टर राहुल्या से टकराएंगे। देश भर के दर्शकों ने इस फिल्म को जमकर सराहा और यह साल 2021 की सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्मों में से एक बन गई। सलमान खान की किसी भी फिल्म से अलग अंतिम एक एक्शन ड्रामा से कुछ ज्यादा है। इस मौके पर सलमान खान ने एक सिख पुलिसवाले राजवीर सिंह का रोल निभाने को लेकर चर्चा की, जिसमें उन्होंने अपने इस अभूतपूर्व किरदार के साथ-साथ अपने चेहरे पर मुस्कान लिए खूंखार गुंडों और राहुल्या का सामना करने के बारे में भी खुलकर बताया। उन्होंने महेश मांजरेकर के साथ काम करने के अनुभव बताए और इस फिल्म की सफलता में प्रमुख भूमिका निभाने वालीं खूबियों पर भी बात की।


इस फिल्म के लिए शुरुआत से ही महेश मांजरेकर के ज़ेहन में आपका नाम था। अपने किरदार के बारे में आपके क्या विचार हैं?


राजवीर सिंह शांत मिजाज और पक्के इरादों वाले इंसान हैं। मैं इस तरह का किरदार निभाने को लेकर काफी उत्सुक था। जहां मैंने पहले भी एक पुलिस वाले का रोल निभाया है, वहीं राजवीर में धैर्य और आक्रामकता का बड़ा दिलचस्प मिश्रण था, जो मेरे लिए एक बिल्कुल नया अनुभव था। इस फिल्म को लेकर महेश का बड़ा स्पष्ट विशन था और वो कुछ अलग करना चाहते थे। तो एक हाजिरजवाब और दमदार पुलिसवाले की मेरी छवि से अलग महेश ने एक ऐसा किरदार गढ़ा, जो गुस्से से नहीं, बल्कि न्याय से प्रेरित है। यह कहानी मुझे पसंद आ गई और मैंने यह रोल करने का फैसला किया।


आपने अब तक पुलिसवाले की जितनी भी भूमिकाएं निभाई हैं, उनमें इंस्पेक्टर राजवीर का किरदार बहुत अलग है। क्या इस किरदार की तैयारी के लिए आपके दिमाग में कोई खास चीज थी?


मैंने अपने करियर में पुलिसवाले की जितनी भी भूमिकाएं निभाई हैं, उनमें राजवीर सिंह भी एक नया किरदार है, लेकिन वो उन सभी किरदारों से बहुत अलग है। वो चुलबुल पांडे या राधे की तरह नहीं है। वो बड़े सीधे-सादे विचारों वाला है और अपने अनोखे तरीके से न्याय के पक्ष में आवाज उठाता है। उसे अपनी ताकत के बारे में पता है और वो अपने चेहरे पर मुस्कान लिए सही समय पर उस ताकत का इस्तेमाल करता है। एक किरदार के रूप में आप राजवीर को एक साधारण और आम पुलिस वाले के रूप में देखेंगे, लेकिन जब आप उसे राहुल्या (गैंगस्टर) के खिलाफ देखेंगे, तो आपको उनमें बहुत फर्क नजर आएगा। मुझे लगता है कि इस किरदार की हाईलाइट मेरा सिख पुलिसवाले का लुक और उसकी बोली है, जिसने दर्शकों को आकर्षित किया। जब हमने शूटिंग शुरू की थी तो मुझे लगा कि मैं अपने किरदार के लिए पर्याप्त हावभाव नहीं दिखा पा रहा हूं, लेकिन जब मैं महेश के साथ इस पर चर्चा करने बैठा तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं राजवीर का रोल बिल्कुल उसी तरह निभा रहा हूं, जिस तरह मुझे निभाना चाहिए। राजवीर बड़े संतुलित स्वभाव का है और वो नहीं बल्कि उसका काम बोलता है।


आयुष के साथ काम करने के अनुभव के बारे में कुछ बताइए?

 

मैं आयुष का बदलाव देखकर हैरान रह गया था, जिसमें वो लवयात्री के पड़ोस के लड़के से ‘अंतिम’ के खतरनाक गैंगस्टर बने। उन्होंने इस फिल्म में अपना 100% दिया है। इस फिल्म के साथ उन्होंने एक एक्टर के रूप में अपनी रेंज दिखाई है। वो इस किरदार में विश्वसनीयता लाने के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर पूरी तरह अपने किरदार के प्रति समर्पित थे। इस प्रोजेक्ट के लिए आयुष को इतनी कड़ी मेहनत करते देखना बड़ा कमाल का अनुभव था। मैं उनमें बहुत क्षमता देखता हूं और उनकी मेहनत सामने आ रही है। आयुष बड़ा उत्साही लड़का है और सेट पर उनकी मौजूदगी बड़ी ताजगी भरी थी। हालांकि मुझे उन्हें हमेशा यह याद दिलाते रहना पड़ता था कि वो मेरे सामने खुद को सीमित ना रखे।


आपके हिसाब से किसी भी फिल्म की सफलता के लिए सबसे जरूरी बात क्या होती है?


मुझे लगता है कि ऐसी फिल्में, जो बड़े सादगी भरे तरीकों से कहानी की बारीकियों को प्रस्तुत करती हैं, वो दर्शकों का दिल जीत लेती हैं। जब दर्शकों को किरदारों के साथ भावनात्मक जुड़ाव महसूस होता है, तो समझिए आपने सही तार छेड़ दिया है। बेशक एक दिलचस्प स्क्रिप्ट सफलता की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है, जिसके बाद कलाकारों की परफॉर्मेंस, दमदार डायलॉग और शानदार म्यूज़िक मायने रखते हैं। दबंग और राधे से लेकर अंतिम तक, इन सभी फिल्मों ने एक बड़ा कॉप यूनिवर्स तैयार कर लिया है। इन सभी कहानियों और किरदारों का एक जैसा संदेश है, लेकिन इन्हें अलग नजरिए से बताया गया है। यही तो स्क्रिप्ट्स का जादू है।


अंतिम की रिलीज़ के दौरान इसे आलोचकों ने बहुत सराहा। आपके हिसाब से इसमें कौन-सी चीज काम कर गई?

 

मुझे लगता है कि अंतिम के लिए बहुत-सी बातें काम कर गईं। पहली तो यह कि लंबे समय बाद दर्शकों के लिए थिएटर खुले थे और अंतिम एक परफेक्ट बिग-स्क्रीन मूवी थी, जिसमें एक्शन सीक्वेंस के साथ-साथ सबकुछ था। इसके अलावा वास्तविक किरदार, कभी ना देखे गए अवतारों, किरदारों के साथ भावनात्मक जुड़ाव और एक आम पुलिसवाले की कहानी से अलग कहानी दर्शकों को पसंद आई। जहां इस फिल्म में जोरदार एक्शन दृश्य और मजेदार डायलॉग्स हैं, वहीं इस फिल्म में सभी के लिए कुछ ना कुछ है। अब एंड पिक्चर्स पर ‘अंतिम’ के प्रीमियर के साथ ज्यादा से ज्यादा दर्शक इस फिल्म का मजा ले सकते हैं।