"तू शेर है तो मैं भी शेरदिल हूं!" एक सच्ची कहानी पर आधारित फिल्म 'शेरदिल - द पीलीभीत सागा' झुंड गांव के एक निडर और डेयरडेविल सरपंच की कहानी है, जो अपने लोगों को बचाने के लिए एक बड़ी विचित्र योजना बनाता है। इस फिल्म का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर और पिक्चर्स पर हो रहा है, जिसमें पंकज त्रिपाठी के साथ-साथ कुछ और शानदार कलाकार हैं। इसमें एक हार्ड-हिटिंग थीम के साथ एक ऐसे इंसान के पक्के जुड़ाव की कहानी सामने आई है, जो बदलाव लाना चाहता है। देखिए यह कहानी 'शेरदिल - द पीलीभीत सागा', 10 दिसंबर को रात 10 बजे, सिर्फ और तस्वीरों पर।
इस फिल्म में गंगाराम की कहानी है, जो अपने लोगों को शेर के आतंक से बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है। जीवन और मौत के इस ड्रामे में कई हास्यप्रद पल हैं, साथ ही उन लाचारों का व्यथा है, जो खुद को बचाने के लिए गंभीर कदम उठाने पर मजबूर हैं। इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने एक भोले-भाले सरपंच और अपने गांव वालों के एक मजबूत रक्षक गंगाराम की भूमिका निभाई है। गंगाराम की बोली और उनके तरीके बड़ा निराला है। वो बहुत हिम्मतवाले हैं, लेकिन बड़े नायक हैं। उनके साथ सायनी गुप्ता और नीरज जबी भी कुछ खास पलों में नजर आए।
इस फिल्म में यह अभिनेता एक संवाद बोलते हुए नजर आते हैं, "बाग को मारने नहीं गए थे जंगल में, हम तो बाग से खुद का शिकार डरते थे!" इसी बात से अपने लोगों के प्रति गंगाराम का प्रेम और उनकी मासूमियत सिद्ध हो जाती है। इस फिल्म में नीरज कबी और सायनी गुप्ता भी महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय अवार्ड विजेता श्रीजीत मुखर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म 'शेरदिल' में कई दिलचस्प रंग हैं और रोज़ की कॉमिक घटनाओं में रचे-बसे कुछ अनोखे ईश्वरवादी विचार भी हैं।
इस फिल्म के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के बारे में बात करते हुए पंकज त्रिपाठी ने कहा, "चुंकि मैं खुद एक गांव में हूं, इसलिए मैं गंगाराम की रस्सियों को समझ सकता हूं। इसमें मैंने एक दिलचस्प भूमिका निभाई, जिसके कई पहलू हैं और इससे मुझे एक अभिनेता के तौर पर अपनी अलग-अलग पसंद को आज का मौका मिला। मैं हमेशा से एक ऐसी फिल्म का हिस्सा बनना चाहता था, जिसमें इंसान और जानवर का टकराव दिखा गया हो और शारदिल ने मुझे यह मौका दिया। इसके अलावा, शारदिल के साथ मुझे उनकी भावनाओं और उनकी कमजोरियों को समझने में भी मदद मिली। नीरज कबी और सायनी गुप्ता जैसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं के साथ काम करना भी बड़ा रचनात्मक अनुभव था। हम एक अच्छी फिल्म बनाना चाहते थे और हमने साथ में काम करते हुए बहुत मजा किया, जहां हमें अपनी कला के बारे में चर्चा करने का मौका मिला।जो ज्यादा से ज्यादा लोग, देखने वालों से युवा दर्शकों के लिए देखते हैं और हम इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि और तस्वीरों के जरिए इस फिल्म को वो प्लेटफॉर्म मिला है।"
क्या गंगाराम झुंड के लोगों को इससे परेशानी होगी? क्या होगा गंगाराम का शिकार?
जानने के लिए देखिए हमारी शेरदिल की कहानी 'शेरदिल - द पीलीभीत सागा' के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के साथ, 10 दिसंबर को रात 10 बजे, सिर्फ और तस्वीरों पर!